देश में घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन से भले ही आम लोगों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो, लेकिन कोरोना वायरस को हराने में सबसे ज्यादा अहम है कि हम अपने घरों में ही बने रहें। वैज्ञानिकों ने भी माना है कि लॉकडाउन से संक्रमण को रोकने में मदद मिल रही है। एक शोध के मुताबिक लॉकडाउन के 20वें दिन तक कोरोना वायरस के संभावित मामलों में 83 फीसदी तक कमी आ सकती है। यूपी के शिव नादर विश्वविद्यालय के इस अध्ययन से इस वायरस से लड़ने को लेकर उम्मीद जगी है। अध्ययन के मुताबिक बंद की वजह से संदिग्ध लक्षण वाले लोगों को एक या दो दिन में ही अलग किया जा रहा है। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि अगर लॉकडाउन न होता तो संक्रमित लोगों की संख्या 2 लाख 70 हजार 360 तक पहुंच जाती और 5407 लोगों की मौत हो जाती। शिव नादर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर समित भट्टाचार्य के मुताबिक हम यह भी मानते हैं कि इससे 80 से 90 फीसदी लोग सामुदायिक दूरी में रह रहे हैं। भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह की आशावादी स्थिति में हमने अनुमान लगाया है कि लॉकडाउन के पहले दिन से लेकर 20वें दिन तक में लक्षण दिखने वाले 83 फीसदी मामले कम हो सकते हैं। यानी इस तरह से संभावित 30,790 में से 3,500 लोग ही संक्रमित होंगे और 619 संभावित मौतों में से 105 ही मौत होंगी।
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